कौन थी रानी
पद्मावती (History of
Padmavati)- चित्तौड़ की रानी
पद्मनी का इतिहास
Kon thi Rani Padmavati, Kya Tha unka Itihas
कई सदी बीत
जाने के बाद
अब लोको की
पद्मावती (पदमनी) के बारे
में जानने की
जिज्ञासा बहुत बढ़
चुकी है ।
वैसे तो रानी
पद्मावती का इतिहास
वर्षो पुराना है
लेकिन जब बॉलीवुड
के निर्देशक संजय
लीला भंसाली ने
उनकी जीवनी पर
फिल्म बनाने के
लिए शूटिंग शुरू
की तो मामला
तूल पकड़ गया
। ये फिल्म
कई विवाद और
सच के बीच
फंस के भी
आखिर रिलीज़ हुई
और लोगो ने
खूब प्यार दिया
। आइये जानते
है रानी पद्मावती
का इतिहास (Kon thi Rani Padmavati, Kya Tha unka Itihas) History of Padmavati
रानी पद्मावती का इतिहास- History of Padmavati
पद्मावती जो की
पद्मिनी भी कहा
जाता है चित्तौड़
की रानी थी
। उनका इतिहास
१२वी और १३वी
सदी का जब
दिल्ली के सिंहासन
पर सल्तनत का
राज था ।
यहाँ के सुल्तान
ने अपनी शक्ति
बढ़ाने के लिए
कई बार मेवाड़
पर आक्रमण किया
। इनमे से
एक आक्रमण अलाउद्दीन
खिलजी का था
। उसने सुन्दर
रानी पद्मिनी Padmavati को
पाने के लिए
किया था । ये
कहानी खिलजी के
इतिहासकारो ने किताबो
में लिखी थी
ताकि वो राजपूत
प्रदेशो पर आक्रमण
को सिद्ध कर
सके । कुछ
इतिहासकार इस कहानी
को गलत बताते
है की यह
राजपूत शौर्य को जलील
करने के लिए
लिखी गई है
।
History of Rajasthan
History of Rajasthan
सुल्तान के साथ
चित्तौड़ की चढ़ाई
में उपस्थित अमीर
खुसरो में एक
इतिहासलेखक की स्थिति
से न तो
'तारीखे अलाई' में और
न सहृदय कवि
के रूप में
अलाउद्दीन के बेटे
खिज्र खां और
गुजरात की रानी
देवलदेवी की प्रेमगाथा
'मसनवी खिज्र खां' में
ही इसका कुछ
संकेत किया है
| पद्मावत, तारीखे फरिश्ता और
इतिहासकार टाड के
संकलनों में तथ्य
केवल यहीं है
कि चढ़ाई और
घेरे के बाद
अलाउद्दीन ने चित्तौड़
को विजित किया,
वहां का राजा
रत्नसेन मारा गया
और उसकी रानी
पद्मिनी ने राजपूत
रमणियों के साथ
जौहर की अग्नि
में आत्माहुति दी।
इसके अतिरिक्त अन्य
सब बातें कल्पित
हैं।